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वैष्णव ब्राह्मण कौन:

शांताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं,
विस्वाधारम गगन सदृष्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मीकांतम कमलनयनम् योगर्भिद्यान गम्यम,
वन्दे विष्णु भवभयहरणम सर्वलौके एकनाथम।।

सनातन धर्म अनादि काल से है। समय समय पर धर्मगुरुओं ने इसके सुद्दरीकरण हेतु ज्ञान, भक्ति और वैराग्य से परिपूरित उपदेश दिए हैं। वैष्णव मत को अर्थात भगवान विष्णु के उपासक वैष्णव कहलाते हैं। ब्राह्मण वर्ग से विष्णु जी की आराधना करने वाले अनेक धर्म गुरु हुए। इनमें से निम्न चार जगदगुरुओं ने वैष्णव ब्राह्मण सम्प्रदाय को गुरु शिष्य परम्परा द्वारा सम्पादित और प्रसारित किया।

1. जगदगुरू श्री रामानन्दाचार्य जी ( आविर्भाव: 14वीं ईसवी सदी)
2. जगदगुरू श्रीनिम्बार्काचार्य जी ( आविर्भाव: 12 वीं ईसवी सदी)
3. जगदगुरू श्री विष्णुस्वामी जी (आविर्भाव: 12 वीं ईसवी सदी)
4. जगदगुरू श्री मध्वाचार्य जी गौडिय ( आविर्भाव: 13 वीं ईसवी सदी)
(उपरोक्त में आविर्भाव का समय पुष्ट नहीं है लेकिन अधिकतर इतिहासकार ऐसा मानते हैं)

इन चारों संप्रदाय के कुल 52 द्वारे थे जो समयांतराल में गृहस्थ बन गए और उनके वंशज आज वैष्णव ब्राह्मण चतु: संप्रदाय के अन्तर्गत आते हैं। मंदिरों के गर्भ गृह में जाने और पूजा करने का इन्हें विशेषाधिकार प्राप्त होने के कारण समस्त हिन्दू समाज इन्हें स्वामी, पुजारी, बैरागी, महंत, बाबाजी इत्यादि उपनामों से अत्यंत आदर के साथ संबोधित करता है। देश के अधिकतर मंदिरों में पूजा अर्चना करना इनका मुख्य कार्य है। मंदिरों में आने वाले चड़ावे के अतिरिक्त मंदिरों से लगी कृषि भूमि और भवन से होने वाली आय इनके जीविकापार्जन का स्रोत होती थी। बदलते देश काल में आज वैष्णव ब्राह्मण सभी क्षेत्रों में राष्ट्र उत्थान हेतु भरपूर सहयोग के साथ साथ हिंदू संस्कृति प्रचार-प्रसार और हिन्दू संस्कारों को संरक्षित रखने में रात दिन सक्रिय हैं।

अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ का इतिहास:

स्थानीय स्तरों पर अलग अलग संस्थाएं देश की स्वतंत्रता से पूर्व समय से चल रही थी। उनमें से एक संस्था भारतीय वैष्णव ब्राह्मण संघ (तेलीवाड़ा) दिल्ली ने देश के विभिन्न शहरों जैसे कटक, रतलाम और मुंबई में सन 1970 से 1978 के बीच समाज बंधुओं की बैठक आयोजित की। इसके अध्यक्ष और महासचिव थे क्रमशः स्व: श्री रामानंद जी वैष्णव तेलीवाड़ा दिल्ली और स्व:श्री शांति प्रसाद जी दिल्ली।

वर्ष 1979 में आगरा में आयोजित बैठक में एक तदर्थ समिति बनाई गई। श्रद्धेय श्री एन एन वैष्णव एडवोकेट, मुंबई को अध्यक्ष, श्री हंसराज जी वैष्णव, फालना राजस्थान को महासचिव एवं आदरणीय श्री जगदीश स्वामी, दिल्ली को संयुक्त सचिव चुना गया। इसमें भाग लेने वाले प्रबुद्ध वैष्णव थे, श्री प्रेमचंद जी सेतावाले, श्री ललितप्रसाद जी आगरा, श्री रामानन्द जी दिल्ली, श्री शांतिप्रसाद जी दिल्ली, श्री हरि भाई भावनगर गुजरात, श्री मनोहर जी उद्धव उज्जैन, श्री गुनासागर दास उड़ीसा, श्री मनोहर जी एवं श्रीमती स्नेहलता बैरागी रतलाम, श्री प्रेम दास जी अबोहर, श्री डॉ डी डी निम्बावत जयपुर, एडवोकेट पीताम्बर स्वरूपदास जबलपुर एवं अन्य। तदर्थ समिति और दिल्ली की संस्था के बीच सामंजस्य के अभाव में वर्ष 1982 में लालघाटी गुफा मंदिर भोपाल में एक सम्मेलन आयोजित किया गया जिसके मेजबान थे श्रद्धेय श्री बालकवि (रामदास)बैरागी जी मनासा मध्य प्रदेश। इसमें अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ मुंबई का जन्म हुआ और प्रथम अध्यक्ष श्रद्धेय श्री एन एन वैष्णव जी मुंबई एवं महासचिव परम आदरणीय श्री के सी(कृष्णचन्द्र) वैष्णव भावनगर गुजरात चुने गए। संविधान लिखने में सर्वाधिक सहयोग आदरणीय के सी वैष्णव व श्री जगदीश स्वामी जी दिल्ली का रहा और मुंबई में इस संस्था का विधिवत पंजीकरण करवाया गया।

अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ के सम्मेलनों का ब्योरा:

प्रत्येक चार वर्ष बाद राष्ट्रीय सम्मेलन करवाए जाते रहे हैं, जिसमें नई कार्यकारिणी और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता रहा है। जिनकी अध्यक्षता में सम्मेलन हुए और कब कब हुए, का विवरण इस प्रकार है:-

प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन

♦️1982 (22-23 मई) भोपाल, मध्य प्रदेश - अध्यक्षता श्री बाल कवि बैरागी, मनासा मध्य प्रदेश

द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन

♦️1986 (7-8 जून) उदयपुर, राजस्थान- अध्यक्षता श्री एन एन वैष्णव, मुंबई

तृतीय राष्ट्रीय अधिवेशन दिनांक

♦️1990 (10-12 जून) हरिद्वार, उत्तराखंड- अध्यक्षता श्री एन एन वैष्णव

चतुर्थ राष्ट्रीय अधिवेशन

♦️1995 ( 19-21 जून) द्वारिका, गुजरात- अध्यक्षता श्री एन एन वैष्णव

पंचम राष्ट्रीय अधिवेशन

♦️1999 ( 12-14 मई) रामेश्वरम, तमिलनाडु- अध्यक्षता श्री एन एन वैष्णव

षष्ठम राष्ट्रीय अधिवेशन

♦️2003 ( 18-20 जून) जगन्नाथपुरी, उड़ीसा- अध्यक्षता श्री एन एन वैष्णव

राष्ट्रीय अर्ध सम्मेलन

2005 वृंदावन, उत्तरप्रदेश- अध्यक्षता श्री एन एन वैष्णव

राष्ट्रीय अर्ध सम्मेलन

2006 कटरा, जम्मू कश्मीर- अध्यक्षता श्री एन एन वैष्णव

सप्तम राष्ट्रीय अधिवेशन

♦️2007 (19-21 मई) उज्जैन, मध्यप्रदेश - अध्यक्षता श्री एन एन वैष्णव

अष्ठम राष्ट्रीय अधिवेशन

♦️2010 (21-23 मई) सांवलियाजी, राजस्थान- अध्यक्षता श्री यू. के. स्वामी, नोएडा उत्तरप्रदेश

नवम राष्ट्रीय अधिवेशन दिनांक

♦️2014 (13-14 अक्टूबर) सालासर बालाजी धाम, जिला चूरू, राजस्थान- अध्यक्षता श्री यू के स्वामी जी।

इस सम्मेलन में श्री सतीश जी वैष्णव, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) को अध्यक्ष चुना गया था। शायद परम पिता परमात्मा को उत्कृष्ट व्यक्तियों की आवश्यकता होती होगी अतः अत्यंत ऊर्जावान श्री सतीश जी वैष्णव को 23 जुलाई 2020 में यकायक हमारे बीच से उठा लिया। श्री सतीश भाई ने सेवा संघ को प्रदेशों से आगे जिलों, तहसीलों और गाँव गांव तक पहुंचाया और राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक, धार्मिक , सांस्कृतिक, समाज कल्याण हेतु वृक्षारोपण, रक्तदान ,मिलन समारोह जैसे अनेक कार्यक्रम संपन्न कराए थे।

अप्रत्याशित रूप से रिक्त हुए अध्यक्ष पद को भरने हेतु संरक्षक मंडल और वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से अगस्त 2020 में श्री दीनदयाल जी वैष्णव, अहमदाबाद गुजरात को यह दायित्व सौंपा। श्री दीन दयाल जी ने एक वर्ष तक बख़ूबी दायित्व का निर्वहन किया लेकिन कुछ अपरिहार्य व्यक्तिगत कारणों से 25 जुलाई 2021 को अपना त्याग पत्र दिया।

उपरोक्त स्थिति में 7 अगस्त 2021 को संरक्षक मंडल और वरिष्ठ पदाधिकारियों की भोपाल में बैठक हुई, जिसमें श्री दीनदयाल जी वैष्णव का अध्यक्ष पद से इस्तीफा स्वीकार किया गया एवं अगले राष्ट्रीय सम्मेलन तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव तक श्री पी. एल. बैरागी जी, भोपाल जो कि मध्य प्रदेश के विगत 11 वर्षों से अध्यक्ष हैं, को कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया।

सेवा संघ के लंबित कार्यों को गति प्रदान करने, सहयोग राशि 1100/- लेकर लगभग 1000 सदस्य बनाने, सेवा संघ की संरचना को सुदृड करने एवं पुराने रिकॉर्ड को संकलित करने के साथ राष्ट्रीय सम्मेलन और राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने के उद्देश्य से 14 सदस्यीय एक विशेष अधिकार समिति (कोर कमेटी) का गठन भी किया है। इस समिति का चेयरमैन श्री सतीश जी शर्मा I.T.S. (Retd) गुरुग्राम को बनाया गया है। समिति सदस्यों की सूची:-

1. सतीश जी शर्मा, गुरुग्राम

2. श्री मोहन जी वैष्णव, मुंबई, महाराष्ट्र

3. प्रोफेसर एच डी वैष्णव ,सेंधवा मध्यप्रदेश

4. श्री डी सी वी किरण, रूपनगढ़ राजस्थान

5. श्री सुनील रामावत, सूरत गुजरात

6. श्री अनिल देवमुरारि, अहमदाबाद गुजरात

7. श्री महेशचंद्र जी वैष्णव, जयपुर राजस्थान

8. श्री रमेशचंद्र बैरागी, कोटा राजस्थान

9. श्री गिरिधर गोपाल वैष्णव, जोधपुर राजस्थान

10. श्री राधेश्याम वैष्णव, हरनावा, राजस्थान

11. श्री ओ पी बैरागी, इंदौर मध्य प्रदेश

12. श्री भुवनेशकुमार वैष्णव,(कोटा) ,हिसार हरियाणा

13. श्री विनोद जी टिलावत ,नोएडा उत्तरप्रदेश

14. श्री श्रीकृष्ण नींबावत, सीकर राजस्थान