विस्वाधारम गगन सदृष्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मीकांतम कमलनयनम् योगर्भिद्यान गम्यम,
वन्दे विष्णु भवभयहरणम सर्वलौके एकनाथम।।
1. जगदगुरू श्री रामानन्दाचार्य जी ( आविर्भाव: 14वीं ईसवी सदी)
2. जगदगुरू श्रीनिम्बार्काचार्य जी ( आविर्भाव: 12 वीं ईसवी सदी)
3. जगदगुरू श्री विष्णुस्वामी जी (आविर्भाव: 12 वीं ईसवी सदी)
4. जगदगुरू श्री मध्वाचार्य जी गौडिय ( आविर्भाव: 13 वीं ईसवी सदी)
अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ का इतिहास:
स्थानीय स्तरों पर अलग अलग संस्थाएं देश की स्वतंत्रता से पूर्व समय से चल रही थी। उनमें से एक संस्था भारतीय वैष्णव ब्राह्मण संघ (तेलीवाड़ा) दिल्ली ने देश के विभिन्न शहरों जैसे कटक, रतलाम और मुंबई में सन 1970 से 1978 के बीच समाज बंधुओं की बैठक आयोजित की। इसके अध्यक्ष और महासचिव थे क्रमशः स्व: श्री रामानंद जी वैष्णव तेलीवाड़ा दिल्ली और स्व:श्री शांति प्रसाद जी दिल्ली।
वर्ष 1979 में आगरा में आयोजित बैठक में एक तदर्थ समिति बनाई गई। श्रद्धेय श्री एन एन वैष्णव एडवोकेट, मुंबई को अध्यक्ष, श्री हंसराज जी वैष्णव, फालना राजस्थान को महासचिव एवं आदरणीय श्री जगदीश स्वामी, दिल्ली को संयुक्त सचिव चुना गया। इसमें भाग लेने वाले प्रबुद्ध वैष्णव थे, श्री प्रेमचंद जी सेतावाले, श्री ललितप्रसाद जी आगरा, श्री रामानन्द जी दिल्ली, श्री शांतिप्रसाद जी दिल्ली, श्री हरि भाई भावनगर गुजरात, श्री मनोहर जी उद्धव उज्जैन, श्री गुनासागर दास उड़ीसा, श्री मनोहर जी एवं श्रीमती स्नेहलता बैरागी रतलाम, श्री प्रेम दास जी अबोहर, श्री डॉ डी डी निम्बावत जयपुर, एडवोकेट पीताम्बर स्वरूपदास जबलपुर एवं अन्य। तदर्थ समिति और दिल्ली की संस्था के बीच सामंजस्य के अभाव में वर्ष 1982 में लालघाटी गुफा मंदिर भोपाल में एक सम्मेलन आयोजित किया गया जिसके मेजबान थे श्रद्धेय श्री बालकवि (रामदास)बैरागी जी मनासा मध्य प्रदेश। इसमें अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ मुंबई का जन्म हुआ और प्रथम अध्यक्ष श्रद्धेय श्री एन एन वैष्णव जी मुंबई एवं महासचिव परम आदरणीय श्री के सी(कृष्णचन्द्र) वैष्णव भावनगर गुजरात चुने गए। संविधान लिखने में सर्वाधिक सहयोग आदरणीय के सी वैष्णव व श्री जगदीश स्वामी जी दिल्ली का रहा और मुंबई में इस संस्था का विधिवत पंजीकरण करवाया गया।